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गीत: हम हिन्दी में लिखे, हम हिंदी में बोले (ओम प्रकाश सरगरा 'अंकुर', सांगरिया, भीलवाड़ा, राजस्थान)

 

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंससे प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिकाके वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार ओम प्रकाश सरगरा 'अंकुर' का एक गीत  जिसका शीर्षक है “हम हिन्दी में लिखे, हम हिंदी में बोले:
 

छंदों का अलंकारों  का  उपहार हैं हिंदी
शब्दशक्तियों की तीक्ष्ण धार हैं हिंदी l
हम हिंदी में लिखें , हम हिंदी में बोलें
माँ भारती के हृदय का आधार हैं हिंदी  ll
 
दोषयुक्त भावों का संहार है हिंदी
राष्ट्रप्रेम की विजयी टंकार हैं हिंदी l
हम हिंदी में लिखें ,  हम हिंदी में बोलें
भक्तिमयी गूँज में ओंकार हैं हिंदी ll
 
लालित्यपूर्ण भावों में कवितावली हिंदी
मीरा ,कबीर ,सूर की शब्दावली  हिंदी l
हम हिंदी में लिखें , हम  हिंदी में बोलें
तुलसी के श्री राम सी दोहावली हिंदी ll
 
दिनकर ,निराला और पंथ हैं हिंदी
राग ,द्वेष ,कलुषता का अंत हैं हिंदी l
हम हिंदी में लिखें , हम हिंदी में बोलें
भक्ति और रीति का शृंगार हैं हिंदी ll
 
निबंध ,कहानी ,कविता ,गीत है हिंदी
महाकाव्य रूप में श्रेष्ठ उपदेश हैं हिंदी l
हम हिंदी में लिखें , हम हिंदी में बोलें
शहीदों की शहादत का आदेश हैं हिंदी ll
 
"अंकुर" सरीखे लेखकों का गान हैं हिंदी
ज्ञानपीठ -सा सर्वोच्च सम्मान हैं हिंदी l
हम हिंदी में लिखें , हम हिंदी में बोलें
हमारे लिए आन ,बान और शान हैं हिंदी
ll

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