पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी
जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका
स्वागत है। आज
आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार मईनुदीन कोहरी "नाचीज
बीकानेरी" की एक कविता जिसका शीर्षक है “हिंदी मेरी भाषा":
प्यारी - प्यारी सबसे न्यारी मेरी भाषा ।
हिंदी पर बिन्दी हिंदी प्यारी मेरी भाषा ।।
सब से अच्छी सबसे प्यारी मेरी भाषा ।।
इसलिए सब जन-जन पढते मेरी भाषा ।।
सम्प्रेषण में भी उपयोगी होगी मेरी भाषा ।।
एकता का हमें पाठ पढ़ाने वाली मेरीभाषा।
भाषायी ज्ञान जनजन तक लाई मेरीभाषा।
देवनागरी लिपि जिसकी वैज्ञानिक भाषा ।।
जाति-धर्म सब के मुख शोभित मेरी भाषा।
हिंदी दिवस के रुप में मनाते वो मेरी भाषा।
हिंदी हैं हम वतन,हिंदी है प्यारी मेरी भाषा।


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