पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार ममता कुमारी की एक कविता जिसका शीर्षक है “हिंदी”:
भीड़ में पहचान देती,भावों को स्थान देती
अधरों पर मुस्कान ,संस्कृति का ज्ञान
अपनी दशा - दिशा ,अंदाज
का पैग़ाम
जीवन जीने के नए आयाम,
अपनी भाषा मां हिंदी को बारंबार प्रणाम।
मेरी भाषा मेरा संबल, गढ़ती मेरा जीवन
सिखलाती शब्दों से जीवन का गुढ़ सत्य,
परिचय करवाती साहित्य,भूगोल
दोहराते हम पंत,निराला
के बोल।
हिंदी है हिंद का स्वाभिमान,राष्ट्रभाषा के पद पर हो सुशोभित
हमारे हृदयों का ये है अभिमान।
हिंदी भाषा नहीं भावों का उदगार है
यह दोआब की मधुर रसधार है,
हो स्थान कोई, कही जब
- जब बारी आती है
हमारे अधरो की शोभा मां हिंदी बन जाती है।


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