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कविता: साथ -साथ (हरेंद्र सिन्हा, चंडीगढ़, पंजाब)

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के
 "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंससे प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिकाके वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार हरेंद्र सिन्हा की एक कविता  जिसका शीर्षक है “साथ -साथ ”: 

तुम मुझे अंजुली भर
दो प्यार,
मैं तुम्हें दूंगा
मोतियों का
उपहार ।
 
तुम मुझे तिनके का
दो सहारा ,
मैं कर दूंगा बेड़ा पार ,
तुम्हारा 
 
तुम मुझे दो पुष्प
खिला - खिला,
मैं तुम्हें दूंगा-
फूलों का हार -
मिला - मिला ।
 
तुम मुझे दो शक्ति
उंगलियों में,
मैं भर दूंगा तेरी मांग
सिन्दूर से ।
 
ये सच है  -
तुम्हारे बिना हम
हमारे बिना तुम
अधूरे हैं   -
आओ ,कहें मिल के  -
तुम और हम,
हम और तुम,
पूरे हैं ।